मेरे दीनी भाइयों और बहनो कोरोना वायरस के चलते हुकूमत की तरफ़ से ऐलान किया गया है कि ईद की नमाज़ अपने घर में ही पढ़ें जिनका पालन हम सबको करना है लेकिन यहाँ पर ईद की नमाज़ के लिए ईद का खुत्बा पढ़ा जाना बहुत ज्यादा जरुरी है हर किसी को ईद का खुत्बा हिन्दी में याद तो नही होता है और न ही हर किसी के घर में आलिम होगा इसलिए परेशान होने की कोई जरूरत नही है आज की इस पोस्ट में हम Eid ka Khutba in Hindi को सीखने वाले हैं और इस पोस्ट में हम ये भी बता रहे कि अगर आपको eid ki namaz ka khutba in hindi याद न हो पाये तो क्या करे।
Eid ka Khutba in Hindi | ईद उल फित्र का खुत्बा हिंदी में
Eid ki Namaz ka Khutba in Hindi
पहला खुतबा
अल्लाहु अकबर , अल्लाहु अकबर , ला इलाहा इल्लल लाहू वल लाहू अकबर , अल्लाहु अकबर , वलिल लाहिल हम्द
अलहम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन , वस सलातु वस सलामु अला सय्यिदिना मुहम्मदिन ख़ातमिन नाबिय्यीन व अला आलिही व अस हाबिही अजमईन ,
अम्मा बअ’द फ़क़द क़ालल्लाहु तआला , क़द अफ्लहा मन तज़क्का , व ज़करस्मा रब्बिही फ़सल्ला बल तुअसिरूनल हयातद्दुनिया , वल आखिरतु खैरुव व अब्क़ा
इन्ना हाज़ा लफ़िस सुहुफ़िल ऊला सुहुफि इबराहीमा व मूसा वक़ाला रसूलुल्लाहि सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम : इन्ना लिकुल्लि क़ौमिन ईदन , वहाज़ा ईदुना बारकल्लाहू लना व लकुम फ़िल कुरआनिल अज़ीम , व नफ़अ’ना व इय्याकुम बिहदयि सय्यिदिल मुरसलीन ।
दूसरा ख़ुत्बा
अल्लाहु अकबर , अल्लाहु अकबर , ला इलाहा इल्लल लाहू वल्लाहू अकबर अल्लाहु अकबर , वलिल लाहिल हम्द
अलहम्दु लिल्ल्लाहि नहमदुहू , व नस्तईनुहू , व नस्तग्फिरुहू , व नुअमिनु बिही व नतवक्कलू अलैह , व न ऊजु बिल्लाहि मिन शुरूरि अन्फुसिना , वमिन सय्यिआति आमालिना
वनश हदू अल्ला इलाहा इल्लललाहू वनश हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलल्लाह व अला आलिही व अस हाबिही व बारका वसल्लम अम्मा बअ’द ! क़ाला रसूलुल्लाहि सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम : ज़कातुल फ़ितरि तुहरतुन लिस साइम मिनल लग्वी वर रफसिव तुअ’मतुल लिल मसाकीन
अव कमा क़ाला अलैहिस सलातु वस सलाम वक़ाला तआला : इन्नल्लाह यअ’मुरु बिल अदलि वल इह्सानि व ईताइ ज़िल कुर्बा व यन्हा अनिल फहशाइ वल मुनकरि वल बग्यि यइजुकुम ल अल्लकुम तज़क्करून व लज़िक रूल लाहि अकबर ।
अगर ख़ुत्बा याद न हो तो क्या करें ?
वैसे तो बेहतर है कि ख़ुत्बा ही पढ़े लेकिन अगर घर में कोई ऐसा न हो जो ख़ुत्बा पढ़ सके तो –
पहले ख़ुत्बे में : अलहम्दु शरीफ़ ( सूरह फ़ातिहा ) पढ़ ले और फिर दुरूद शरीफ़ पढ़ ले ।
दुसरे ख़ुत्बे में : दुरूद शरीफ़ पढ़ें फिर सूरह इख्लास ( कुल हुवल लाहू ) पढ़ ले तो इंशा अल्लाह ख़ुत्बा हो जायेगा और नमाज़ मुकम्मल हो जाएगी ।