Surah Al Falaq in Hindi | सूरह फ़लक़ हिंदी में
सूरह न० 113
सूरह अल-फ़लक़ (मक्की)
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
कुल् अअूजु बिरब्बिल् फ़ – लक़ि (1)
मिन् शर्रि मा ख़ – ल – क़ (2)
व मिन् शर्रि गा़सिकिन् इज़ा व – क़ब् (3)
व मिन् शर्रिन् – नफ़्फ़ासाति फ़िल् – अु – क़द् (4)
व मिन् शर्रि हासिदिन् इज़ा ह – सद् (5)*
Soorah Falaq With Hindi Translation | सूरह फ़लक़ हिंदी तर्जुमे के साथ
सूरह न० 113
सूरह अल-फ़लक़ (मक्की)
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अल्लाह के नाम से जो रहमान व रहीम है
कुल् अअूजु बिरब्बिल् फ़ – लक़ि (1)
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं सुबह के मालिक की (1)
मिन् शर्रि मा ख़ – ल – क़ (2)
हर चीज़ की बुराई से जो उसने पैदा की पनाह माँगता हूँ (2)
व मिन् शर्रि गा़सिकिन् इज़ा व – क़ब् (3)
और अंधेरीरात की बुराई से जब उसका अंधेरा छा जाए (3)
व मिन् शर्रिन् – नफ़्फ़ासाति फ़िल् – अु – क़द् (4)
और गन्डों पर फूँकने वालियों की बुराई से (4)
व मिन् शर्रि हासिदिन् इज़ा ह – सद् (5)*
(जब फूँके) और हसद करने वाले की बुराई से (5)