नमाज का तरीका | Namaz Padhne Ka Tarika in Hindi
आज की इस पोस्ट में हम नमाज का तरीका Namaz in Hindi सीखेंगे इन-शा-अल्लाह यहाँ हमने namaz padhne ka tarika in hindi में बताया है जिसमे आपको नमाज़ में पढ़ी जाने वाली दुआऐ हिन्दी स्क्रिप्ट में मैं मिल जायेंगी और namaz padhne ka sahi tarika की वीडियो में दी गई है जिसे देख कर आप पूरी तरह नमाज़ को पढ़ना सीख जायेंगे इन-शा-अल्लाह। इस पोस्ट में हम नमाज़ से जुड़ी सभी चीजों को सीखेंगे जैसे नमाज कैसे पढ़ी जाती है? नमाज़ मे क्या क्या पढ़ते है? नमाज के बाद क्या पढ़ा जाता है? वगैरह वग़ैरह।
नमाज़ की शर्ते
मेरे दीनी भाइयों और बहनो नमाज़ की कुछ शर्ते होती हैं। जिनका पूरा किये बिना नमाज़ नहीं हो सकती या नमाज़ सही नहीं मानी जा सकती। कुछ शर्तो का नमाज़ के लिए होना ज़रूरी है, तो कुछ शर्तो का नमाज़ के लिए पूरा किया जाना ज़रूरी है। तो कुछ शर्तो का नमाज़ पढ़ते वक्त होना ज़रूरी है, नमाज़ की कुल Total शर्ते नीचे कुछ इस तरह से है।
- बदन का पाक होना
- कपड़ो का पाक होना
- बदन के सतर का छुपा होना
- नमाज़ का वक्त होना
- नमाज़ पढने की जगह का पाक होना
- किबले की तरफ मुह होना
- नमाज़ की नियत यानि नमाज के लिए इरादा करना
- बदन का पाक होना
नमाज़ पढने के लिए बदन पूरी तरह से पाक होना ज़रूरी है। बदन पर कोई नापाकी लगी नहीं होनी चाहिए. बदन पर कोई गंदगी लगी हो या नापाकी लगी हो तो वजू या गुस्ल कर के नमाज़ पढनी चाहिए।
- कपड़ो का पाक होना
नमाज़ पढने के लिए बदन पर पहना हुआ कपडा पूरी तरह से पाक होना ज़रूरी है। कपडे पर कोई नापाकी लगी नहीं होनी चाहिए. कपडे पर कोई गंदगी लगी हो या नापाकी लगी हो तो कपडा धो लेना चाहिए या दूसरा कपडा पहन कर नमाज़ पढ़ लेनी चाहिए।
- बदन के सतर का छुपा हुआ होना
नाफ़ के निचे से लेकर घुटनों तक के हिस्से को मर्द का सतर कहा जाता है। नमाज़ में मर्द का यह हिस्सा अगर दिख जाये तो नमाज़ सही नहीं मानी जा सकती ।
- नमाज़ का वक्त होना
कोई भी नमाज़ पढने के लिए नमाज़ का वक़्त होना ज़रूरी है. वक्त से पहले कोई भी नमाज़ नहीं पढ़ी जा सकती और वक़्त के बाद पढ़ी गयी नमाज़ कज़ा नमाज़ मानी जाएगी।
- नमाज़ पढने की जगह का पाक होना
नमाज़ पढने के लिए जिस जगह पर नमाज पढ़ी जा रही हो वो जगह पूरी तरह से पाक होना ज़रूरी है। जगह पर अगर कोई गंदगी लगी हो या नापाकी लगी हो तो जगह धो लेनी चाहिए या दूसरी जगह नमाज़ पढ़ लेनी चाहिए।
- किबले की तरफ मुह होना
नमाज़ क़िबला रुख होकर पढ़नी चाहिए। मस्जिद में तो इस बारे में फिकर करने की कोई बात नहीं होती, लेकिन अगर कहीं अकेले नमाज़ पढ़ रहे हो तो क़िबले की तरफ मुह करना याद रखे ।
- नमाज़ की नियत यानि इरादा करना
नमाज पढ़ते वक़्त नमाज़ पढ़ने का इरादा करना चाहिए।
Namaz ka Tarika in Hindi | नमाज़ का तरीका हिन्दी में
नमाज़ मे क्या क्या पढ़ते है –
Namaz me Padhi Jane wali Duaen
सना
सुब्हानकल्लाहुम्म् व बि हम्दिका वतबारकस्मुका वतआला जद्दुका व ला इलाह गैरुक
(ऐ अल्लाह ! मैं तेरी पाकी बयान करता हूँ , और तेरी तअरीफ़ करता हूँ और तेरा नाम बरकत वाला है , और तू आला है , और नहीं है कोई मअबूद सिवाय तेरे ।)
सूरह अल फातिहा
अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन (1)
अर्रहमानिर्रहीम (2) मालिकि यौमिद्दीन (3) इय्या-क नअ्बुदु व इय्या-क नस्तअीन (4) इह्-दिनस्सिरातल्-मुस्तकीम (5) सिरातल्लज़ी-न अन्अ़म्-त अलैहिम् (6) गैरिल्-म़ग्जूबि अलैहिम् व-लज़्ज़ाल्लीन (7)*
(तारीफ़ अल्लाह ही के लिये है जो तमाम क़ायनात का रब है (1) रहमान और रहीम है (2) रोज़े जज़ा का मालिक है (3) हम तेरी ही इबादत करते हैं, और तुझ ही से मदद मांगते है (4) हमें सीधा रास्ता दिखा (5) उन लोगों का रास्ता जिन पर तूने इनाम फ़रमाया, (6) जो माअतूब नहीं हुए, जो भटके हुए नहीं है (7) )
अत्तहियात
अत्तहीयातु लिल्लाहि , वस्सलवातु वत्तैय्यिबातु , अस्सलामु अलैक़ , अय्युहुन्नबीय्यु वरहमतुल्लाहि , वबर – कातुहू , अस्सलामु अ़लैना , वअ़ला इबादिल्लाहिस्सालिहीन । अश्हदुअल्लाइलाह़ इल्लल्लाहु , व अश्हदु – अन्न मुहम्मदन , अ़ब्दुहू वरसूलुह ।
(तमाम अिबादतें जो ज़बान से होती हैं अल्लाह के लिए हैं , और तमाम अिबादतें जो जिस्म से की जाती हैं , और तमाम अिबादतें जो माल से की जाती हैं (अल्लाह ही के लिए हैं) (सलाम हो आप पर ऐ नबी (सल्ल०) ! और रहमत हो अल्लाह की और उसकी बरकतें हों । हम पर और बन्दों पर अल्लाह के जो नेक हैं । मैं गवाही देता हूँ कि नहीं कोई मअबूद सिवाय अल्लाह के , और मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के बन्दे और रसूल हैं ।)
दुरूद-ए-इब्राहीमी
अल्लाहुम – म , सल्लिअ़ला , मुहम्मदिंव वअ़ला आलि मुहम्मदिन , कमा सल्लैता , अला इब्राहीमा , व अ़ला आलि इब्राहीमा , इन्नका हमीदुम् मजीद ।
(ऐ अल्लाह ! रहमत भेज हज़रत मुहम्मद (सल्ल०) के घर वालों पर जैसे रहमत की तूने इब्राहीम अलैहिस्सलाम पर और हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के घर वालों पर बेशक तू ही तारीफ़ के लायक है , बड़ी बुजुर्गी वाला है ।)
अल्लाहुम – म बारिक , अला मुहम्मदिंव , व अ़ला आलि , मुहम्मदिन , कमा बारकता , अ़ला इब्राहीमा , व अ़ला आलि इब्राहीमा इन्नका हमीदुम् म़जीद।
( ऐ अल्लाह ! बरकत उतार हज़रत मुहम्मद (सल्ल०) पर और हज़रत मुहम्मद (सल्ल०) के घर वालों पर , जैसी बरकतें की तूने हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम पर और हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के घर वालों पर , बेशक तू ही तारीफ़ के लायक बड़ी बुजुर्गी वाला है । )
दुआ-ए-मासुरा
अल्लाहुम – म – इन्नी – जलम्तु नफ़्सी , जुल्मन कसीरवं – वला यग्फिरुज़्जु़नुबा , इल्ला अन्ता फग्फिरली , मग्फिरतम् मिन अिन्दिका वरह़मनी इन्नका , अन्तल्गफूरुर्हीम
( ऐ अल्लाह ! बेशक मैंने जुल्म किया अपने ऊपर और बहुत ज्यादा और नहीं बख़्शता गुनाहों को मगर तू ही बस माफ़ कर दे मुझे तू रहम कर मेरे ऊपर । बेशक तू ही माफ़ करने वाला मेहरबान है । )
यहाँ से पढ़े नमाज़ में पढ़ी जाने वाली सूरह
Main Sunni Barelvi Sharif se taluk rakhta hoon mujhe sunni zamat se dua e aur sana ayat aur atayat bhej dena mere email id par pdf mein aap ki bahot maherbani hoga.
Alhamdulillah, beshak Allah bahut raham Dil wala hai Barkat wala bujurgi wala Allah ham sabhi ko namaj padhne ki taufik ata farma.