Surah Quraish in Hindi | सूरह कुरैश हिंदी में
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
लि – ईलाफ़ि कुरैशिन् (1)
ईलाफ़िहिम् रिह् – ल – तश्शिता – इ वस्सैफ़ (2)
फ़ल् – यअ्बुदू रब् – ब हाज़ल् – बैत (3)
अ़ल्लज़ी अत् – अ़ – म – हुम् मिन् जूअिंंव् – व आ – म – नहुम् मिन् ख़ौफ़ (4)*
Surah Quraish in Hindi Translation
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अल्लाह के नाम से जो रहमान व रहीम है
लि – ईलाफ़ि कुरैशिन् (1)
चूँकि क़ुरैश को जाड़े और गर्मी के सफ़र से मानूस कर दिया है (1)
ईलाफ़िहिम् रिह् – ल – तश्शिता – इ वस्सैफ़ (2)
तो उनको मानूस कर देने की वजह से (2)
फ़ल् – यअ्बुदू रब् – ब हाज़ल् – बैत (3)
इस घर (काबा) के मालिक की इबादत करनी चाहिए (3)
अ़ल्लज़ी अत् – अ़ – म – हुम् मिन् जूअिंंव् – व आ – म – नहुम् मिन् ख़ौफ़ (4)*
जिसने उनको भूख में खाना दिया और उनको खौफ़ से अमन अता किया (4)
सूरह कुरैश की तफ़सीर
अरब में कुरैश नाम का कबीला बहुत मशहूर हुआ करता था इसलिये इसी कबीले में हमारे प्यारे नबी मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैदा हुए तिजारत के मामले में सूझबूझ और शराफत में इनका बड़ा नाम था और यही कबीला काबा की देखरेख करता था अल्लाह के घर का हमसाया और काबा का खादिम होने की वजह से इस कबीले के एक एक आदमी की इज्जत की जाती थी जहाँ जाते थे लोग हाथ तो हाथ इन लोगों को उठा लेते थे ।
कुरैश की रोज़ी रोटी का दारो मदार तिजारत पर था और तिजारत के लिए ये लोग आम तौर पर जाड़े में इनका तिजारती काफिला यमन की तरफ चलता और गर्मियों में मुल्के शाम की तरफ लोग इन को बहुत चाहते थे तोहफे देकर इनका इस्तकबाल करते लड़ाई झगड़े में कबायली लोग मारपीट करते हैं मगर काबा का खादिम होने के वजह से इन पर कोई हाथ नहीं डालता था सब इनका अदब और इज्जत करते थे, हरम के अदब से चोर डाकू और हमलावर भी यहां नहीं आते थे अल्लाह ने इस मामले में सरकर दो आलम सल्लल्लाहो वाले वसल्लम को पैदा फरमाया अल्लाह ने कुरैश को अपने सबक याद दिलाया की काबे शरीफ की वजह से तुम को रोजी और इज्जत और अमन हासिल है इसीलिए इस घर के मालिक की बंदगी तुम पर लाजिम है।