Gusal Ka Tarika in Hindi | ग़ुस्ल करने का सुन्नत तरीक़ा
गुस्ल कब फ़र्ज़ होता है ?
गुस्ल निम्न हालतों में फर्ज होता है ।
- सोहबत ( सम्भोग ) करने से ।
- ख्वाब में ( स्वप्न दोष ) नापाक होने से ।
- औरत को हैज़ व निफास आने से ।
गुस्ल की सुन्नतें ?
गुस्ल में पाँच सुन्नते होती है ।
- इरादा करना ।
- दोनों हाथ गट्टों तक धोना ।
- नापाकी की जगह धोना ।
- वुजू करना ।
- तीन बार पूरे जिस्म पर पानी बहाना ।
गुस्ल के फ़राइज़ ?
गुस्ल में तीन चीजें फर्ज हैं ।
- कुल्ली करना ।
- नाक में नर्म हड्डी तक पानी पहुँचाना ।
- पूरे शरीर पर पानी बहाना कि एक बाल के बराबर भी कहीं सूखा न रहे ।
ग़ुस्ल के मुस्ताहिबात ?
गुस्ल में निम्न मुस्ताहिबात होते हैं ।
- ज़ुबान से नीयत करना।
- क़िबले की तरफ़ रुख़ करके नहाना । अगर नंगा नहाये तो किबले की तरफ रुख न करे ।
- ऐसी जगह नहाना कि किसी की नज़र न पड़े।
- मर्द खुली जगह पर नहाए तो नाफ़ से घुटने तक का जिस्म पर कोई कपड़ा या तहबंद बाँधकर नहाए जबकि औरत का खुली जगह पर नहाना सही नहीं है।
- ग़ुस्ल में किसी तरह की बात न करना और न ही कोई दुआ पढ़ना।
- नहाने के बाद तौलिया या रूमाल से बदन पोंछना।
- सारे बदन पर तरतीब से पानी बहाना।
- औरत को हर हाल में बैठ कर नहाना चाहिए ।
गुस्ल का मुकम्मल तरीका
बगैर जुबान हिलाएं दिल में इस तरह नियत कीजिए कि मैं पाक़ी हासिल करने के लिए गुस्ल करता हूँ या करती हूँ । पहले दोनों हाथ पहुचों तक तीन तीन बार धोएं। फिर इस्तिन्जा Toilet की जगह धोये चाहे नापाकी लगी हो या ना हो फिर जिस्म पर अगर कहीं नजासत हो तो उसको धो लीजिए फिर नमाज की तरह वुजू कीजिये मगर पाँव ना धोये हाँ अगर पुख्ता जगह या तखत पत्थर पर गुस्ल कर रहे हो तो पांव भी अभी धो लें। फिर बदन पर तेल की तरह पानी चिपचिपा लीजिए फिर तीन बार सीधे कंधे पर पानी बहाए फिर तीन बार उलटे कंधे पर पानी डाले फिर सिर तीन बार पानी बहाये और फिर तमाम बदन पर पानी बहाये गुस्ल मुकम्मल करने के बाद फिर घुसल की जगह से अलग हो जाएं। अगर वजू करने में पांव नहीं धोए थे तो अब धो लीजिए।
गौर कीजियेगा
अगर गुस्ल के बाद याद आये कि फलां जगह पर पानी नहीं पहुंचा तो फिर से गुस्ल करना ज़रूरी नहीं सिर्फ उसी जगह को धुल लेना काफी है । इसी तरह अगर वुजू करना भूल गया तो सिर्फ इसी कमी को पूरा कर दे दोबारा गुस्ल की ज़रुरत नहीं है |